🔴 जिले मे गुरुवार से शुरू हुआ दुर्गा प्रतिमा विसर्जन, शुक्रवार को देर चलता रहा
🔴 सकुशल मूर्ति विसर्जन के बाद प्रशासन ने ली राहत की सास
🔴 ग्लोबल न्यूज
कुशीनगर । नौ दिन तक दुर्गा पंडालों में माँ जगदंबे की पूजा करने के बाद गुरुवार व शुक्रवार को श्रद्धालुओं ने विसर्जन किया। ढोल-ताशा, डीजे नगाडा के साथ जुलूस की शक्ल में लोग दुर्गा पंडालों से निकले। बोलो शेरावाली की जय माँ का जयकारा पूरे जिले में गूंजता रहा। इस दौरान शांति व्यवस्था बनी रहे, इसके लिए भारी पुलिस बल तैनात रहे। अधिकारी भी लगातार मूर्ति विसर्जन स्थलों का निरीक्षण करते रहे। जिलेभर में तकरीबन दो हजार जगहों पर दुर्गा पंडाल लगाए गए थे। इन पंडालों में नौ दिनों तक लोगों ने पूरी आस्था के साथ मां दुर्गा की पूजा की। इस दौरान भंडारा आदि का भी आयोजन किया गया।
गुरुवार व शुक्रवार को मूर्तियों का विसर्जन किया गया। जिला प्रशासन ने पहले से ही मूर्ति विर्सजन स्थलों का चयन किया था। किस रूट से मूर्ति जाएगी और कहां मूर्ति का विसर्जन होगा, यह सब पहले से तय था। गुरुवार को दस बजे के बाद सड़कों पर मूर्ति विसर्जन करने वालों का रेला रहा। नाचते-गाते हुए लोग मूर्ति विसर्जन स्थल तक पहुंचे। इसके बाद मूर्तियों का विसर्जन किया। डीएम महेन्द्र सिंह तंवर हुल्गी और एसपी केशव कुमार लगातार जिले का भ्रमण करते रहे। कई जगहों पर मूर्ति विसर्जन के दौरान पहुंचे। पुलिस कर्मियों को लगातार यही निर्देश दिया जाता रहा कि किसी भी प्रकार की लापरवाही न होने पाए। न ही कोई अराजकता करने पाएं। यदि कोई ऐसा करता है तो तुरंत उसके खिलाफ कार्रवाई करें। शुक्रवार को देर रात सभी मूर्तियों का विसर्जन कराने के बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली।
🔴 श्रद्धालु ने नम आखो से की माँ की बिदाई
मान्यता है कि नवरात्र में मां दुर्गा, प्रथम पूज्य भगवान श्रीगणेश और भगवान कार्तिकेय के साथ नौ दिनों के लिए मायके आती है। ससुराल से मायके आई बेटी की तरह ही उनका स्वागत सत्कार और आवभगत की जाती है, और दशहरे को मां दुर्गा अपने ससुराल चली जाती हैं।
बेटी को विदा करते समय माता-पिता और स्वजन के मन में जो भाव और आंखों में नमी होती है। वहीं भाव गुरुवार व शुक्रवार को नवरात्र के बाद मूर्ति विसर्जन यात्रा में मां दुर्गा की विदाई के समय लोगों की आंसुओं से भीगीं आंखों में थे।
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