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डीआईओएस कार्यालय के बाबू सुभाष यादव को वित्त एंव लेखाधिकारी थमाया नोटिस

   

🔴उच्च न्यायालय के आदेश को ठेंगा दिखाने का मामला

🔵  ग्लोबल न्यूज 

कुशीनगर। च्च न्यायालय के आदेश को ठेंगा दिखाये जाने के मामले मे कुशीनगर के वित्त एंव लेखाधिकारी माध्यमिक ने जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में तैनात संबंधित लिपिक सुभाष प्रसाद यादव को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। नोटिस में स्पष्ट कहा गया है कि संतोषजनक जबाब नही पाये जाने की दशा में नियमानुसार विभागीय कार्रवाई की जाएगी। कहना ना होगा कि उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश दिनांक 20-3-2024 से पटल लिपिक सुभाष यादव ने वित्त एवं लेखाधिकारी को अवगत नही कराया था जिससे उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना हुई है। नतीजतन सुभाष यादव को नोटिस जारी कर लेखाधिकारी ने स्पष्टीकरण मांगा है। 

वित्त एंव लेखाधिकारी माध्यमिक कुशीनगर द्वारा दिनांक 8-10-2025 पत्रांक लेखा/ 6109/2025-26में जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय मे अपने पद से इतर स्टोनो के पद पर संबद्ध कराकर कुण्डली जमाये बैठे लिपिक सुभाष यादव को संबोधित कहा गया है कि रामनरेश प्रसाद, नेहरु इण्टर कालेज, मंसाछापर, कुशीनगर ने अपने पत्र दिनांक 1-7-2025 के साथ संलग्न कर उच्च न्यायालय, इलाहाबाद में योजित रिट याचिका संख्या- 4382/2024 राम नरेश प्रसाद बनाम उ०प्र० राज्य व अन्य में पारित आदेश दिनांक 20-3-2024 की प्रति प्रस्तुत करते हुए उनसे किये जा रहे अतिरिक्त वेतन की वसूली पर रोक लगाये जाने का अनुरोध किया गया है, किन्तु खेद का विषय है कि आप (पटल लिपिक सुभाष यादव) ने उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश दिनांक 20-03-2024 से अधोहस्ताक्षरी को अवगत नही कराया गया जिससे उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना हुई है। आपको निर्देशित किया जाता है कि आपने  किन परिस्थितियों में उच्च न्यायालय के आदेश  से अधोहस्ताक्षरी को अवगत नही कराया? इस सम्बन्ध में एक सप्ताह के अन्दर अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करना करें। संतोषजनक स्पष्टीकरण नही पाये जाने की दशा में आपके विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।


🔴लापरवाही आदत मे शुमार, नही किसी का खौफ

सूत्रो की माने तो बीते दिनों शिक्षा निदेशक माध्यमिक उत्तर प्रदेश डाॅ. महेंद्र देव ने कुशीनगर के जिला विद्यालय निरीक्षक श्रवण कुमार गुप्त को नोटिस जारी किया था। मामला था पडरौना नगर मे संचालित गोस्वामी तुलसीदास इंटर कालेज के प्रबन्ध समिति बनाम उत्तर प्रदेश सरकार से संबंधित उच्च न्यायालय इलाहाबाद मे प्रचलित याचिका है जिसके संबंध मे दो वर्षो से प्रकरण से संबंधित आख्या व रिट की प्रति संगत अभिलेख जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय द्वारा निदेशालय को उपलब्ध नही कराया। नतीजतन निदेशक डाॅ. महेंद्र देव ने डीआईओएस श्रवण कुमार गुप्त को नोटिस जारी किया था। सूत्र बताते है कि इस नोटिस के कारण भी सुभाष यादव है इनकी लापरवाही के वजह से ही डीआईओएस को नोटिस जारी हुआ है। यही वजह है कि निदेशक माध्यमिक शिक्षा उत्तर प्रदेश ने अपने नोटिस मे डीआईओएस कार्यालय मे विषयगत पत्रावली को व्यवहरित करने वाले पटल सहायक के नाम व पद नाम की स्थिति से अवगत कराते हुए डीआईओएस को आख्या प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।

 🔴अपर मुख्य सचिव के आदेश के बाद भी समाप्त नही हुई संबद्धता 

यहा बताना जरूरी है कि बेसिक शिक्षा एंव माध्यमिक शिक्षा उत्तर प्रदेश शासन के अपर मुख्य सचिव पार्थ सारथी सेन ने 21 अक्टूबर - 2025 को पत्र संख्या 34ए0सी0एस0 (बेसिक माध्यमिक शिक्षा)/2025 मे सचिव,माध्यमिक शिक्षा विभाग, उ०प्र० शासन, महानिदेशक, स्कूल शिक्षा, उ०प्र० व निदेशक माध्यमिक शिक्षा, उ०प्र० को संबोधित निर्देश जारी किया है कि शासन की अनुमति के बिना यदि कोई अध्यापक, अधिकारी अथवा कर्मचारी अपने मूल तैनाती स्थान के अलावा कहीं अन्य स्थान पर संबद्ध किया गया है तो उनके संबंद्धीकरण आदेश को तत्काल निरस्त करते हुए उनको अपने मूल तैनाती स्थान पर वापस भेजा जाये। अपर सचिव ने अपने आदेश मे यह चेतावनी भी दिये है कि भविष्य में शासन की अनुमति के बिना किसी भी अध्यापक, अधिकारी अथवा कर्मचारी को ऐसे स्थान पर संबद्ध न किया जाये, जहाँ उनकी मूल तैनाती न हो। उन्होंने इस निर्देशों को कड़ाई से अनुपालन करने की हिदायत दी भी है। बावजूद इसके संयुक्त शिक्षा निदेशक,सप्तम मंडल गोरखपुर सतीश सिंह ने कुशीनगर डीआईओएस कार्यालय में बिना पद के संबद्ध सुभाष प्रसाद यादव की संबद्धता समाप्त नही किये है जो अपर मुख्य सचिव के आदेश को जेडी द्वारा ठेंगा दिखाने के रूप देखा जा रहा है।

🔴बेसिक, डायट और डीआईओएस कार्यालय मे रहे जमे

सूत्र बताते है कि सुभाष यादव की नियुक्ति परिचायक के पद पर पौढ शिक्षा मे इनके किसी रिश्तेदार ने की थी, इसके बाद वह परिचायक के पद ही बेसिक शिक्षा विभाग मे अपनी सेवा देने लगे, कुछ वर्षो बाद यही लिपिक के पद पर पदोन्नति हुआ, फिर स्थानांतरित होकर डायट मे कनिष्क लिपिक रहे इसके बाद वरिष्ठ लिपिक के पद पर पदोन्नति पाकर डीआईओएस कार्यालय में संबद्ध हो गये जबकि डीआईओएस कार्यालय में वरिष्ठ लिपिक का कोई पद सृजित नही है। मजे की बात यह कि सुभाष यादव की अब तक की नौकरी बेसिक, डायट व डीआईओएस दफ्तर तक  रही है जो अपने आप मे एक सवाल है?

🔵 रिपोर्ट - संजय चाणक्य 

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