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शिक्षा निदेशक ने लापरवाह डीआईओएस को भेजा नोटिस

  

🔵निदेशालय के बार बार निर्देश के बाद भी डीआईओएस दो वर्षो से नही भेज रहे है आख्या

🔴पडरौना नगर के तुलसी विद्यालय बनाम उत्तर प्रदेश से संबंधित याचिका

🔵 ग्लोबल न्यूज 

कुशीनगर। शिक्षा निदेशक माध्यमिक उत्तर प्रदेश ने कुशीनगर के जिला विद्यालय निरीक्षक श्रवण कुमार गुप्त के खिलाफ नोटिस जारी किया है। डीआईओएस के खिलाफ यह कार्रवाई उनके कार्यो के प्रति लापरवाही व शासकीय कर्तव्यों के प्रति घोर उदासीनता के कारण की गई है। दरअसल मामला यह है कि पडरौना नगर मे संचालित गोस्वामी तुलसीदास इंटर कालेज के प्रबन्ध समिति बनाम उत्तर प्रदेश सरकार से संबंधित याचिका उच्च न्यायालय इलाहाबाद में प्रचलित है जिसमे  निदेशालय ने प्रकरण से संबंधित आख्या व रिट के प्रति संगत अभिलेख उपलब्ध कराने के लिए दो वर्ष पूर्व जिला विद्यालय निरीक्षक को निर्देशित किया था किन्तु अफसोस कुशीनगर के जिला विद्यालय निरीक्षक लगातार दो वर्षो से निदेशालय को ठेंगा दिखा रहे है।

शिक्षा निदेशक माध्यमिक उत्तर प्रदेश डाँ. महेंद्र देव द्वारा जारी आदेश पत्रांक समान्य (1) /1730 /25-26 मे कहा गया है कि उच्च न्यायालय, इलाहाबाद में योजित याचिका संख्या 37460/2022 प्रबन्ध समिति गोस्वामी तुलसीदास इण्टर कालेज पडरौना बनाम उत्तर प्रदेश सरकार व अन्य के सम्बन्ध मे निदेशालय ने लगातार आपको प्रकरण में स्पष्ट आख्या व रिट से संबंधित संगत अभिलेख उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये गये थे, किन्तु आप द्वारा दो वर्षो से कोई तथ्यात्मक आख्या उपलब्ध नहीं कराये गये जो विभागीय आदेशों की अवहेलना का द्योतक है।

🔴 निदेशालय द्वारा जारी विभिन्न पत्र

निदेशक ने अपने नोटिस मे समस्त पत्रों का उल्लेख किया है। पत्रांकःसामान्य (1) प्रथम /6647/ 2022-23 दिनांक 13-02-2023 पत्रांक सामान्य (1)प्रथम / 6766/ 2022-23 दिनांक17-02-2023 पत्रांकः सामान्य (1) प्रथम / 6994/ 2022-23 दिनांक 2-03-2023, पत्रांक सामान्य (1) प्रथम / 72/2022-23 दिनांक 12-04-2023, पत्रांक सामान्य (1) प्रथम /1363/2022-23 दिनांक 21-06-2023 मुख्य है। निदेशक ने तल्ख शब्दो मे कहा है कि निर्देश बावजूद आपने कोई तथ्यात्मक आख्या उपलब्ध नहीं कराया जो आप व आपके कार्यालय की विभागीय आदेशों के प्रति स्वेच्छाचारिता का प्रमाणन है। 

🔴डीआईओएस कार्यालय है नियंत्रणाधीन

शिक्षा निदेशक डाँ. महेंद्र देव ने अपने पत्र मे स्पष्ट कहा है कि उपरोक्त स्थिति से निदेशालय के पत्र द्वारा आपको अनुस्मृत कराया गया। इसके अइ निदेशालय की ओर से आपके कार्यालय को दिनांक 27-02-2025 को सायं 4:31 बजे ईमेल के माध्यम से पत्र भेजा गया, किन्तु इसके उपरांत भी आपके स्तर से कोई कार्यवाही नहीं की गयी, जो विभागीय आदेशों की अवज्ञा की श्रेणी में अथवा अधिनियम में वर्णित व्यवस्था के सापेक्ष आपके अल्प-ज्ञान को दर्शित करता है। यह स्थिति चिंताजनक के साथ आपके कृत्य से यह भी परिलक्षित हो रहा है कि कदाचित आपका कार्यालय आपके नियंत्राधीन में नहीं है एवं आप विभागीय निर्देशों के सापेक्ष स्वेच्छाचारिता के साथ शासकीय कार्यों को व्यवहरित कर रहे है, जो अस्वीकार्य है। निदेशक ने डीआईओएस कुशीनगर को कहा है कि आपका यह कृत्य शासकीय कर्तव्यों के प्रति घोर उदासीनता एवं स्वेच्छाचारिता की मनोवृत्ति की ओर इंगित करता है। प्रकरण में उत्पन्न स्थिति से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि आपको अपने शासकीय कर्तव्यों का बोध नहीं है।आपके कार्यालय द्वारा लगभग दो वर्ष से अधिक का समय व्यतीत हो जाने के उपरान्त भी आख्या न प्रेषित किया जाना यह दर्शित करता है कि, आप एवं आपके कार्यालय द्वारा शासन व निदेशालय के आदेशों को गम्भीरता से नहीं लिया जाता है। ऐसा कृत्य बेहद असंतोषजनक है, जिसके लिए लापरवाह अधिकारियों एंव कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।🔴डीआईओएस को अपना स्पष्टीकरण और पटल सहायक की कार्य प्रणाली पर आख्या प्रस्तुत करने का निर्देश 

शिक्षा निदेशक ने उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली 1999 के नियम-10 (2) के अन्तर्गत डीआईओएस से सात दिनो के भीतर अपना लिखित स्पष्टीकरण व तीन दिन की भीतर कार्यालय में विषयगत पत्रावली को व्यवहरित करने वाले पटल सहायक के नाम व पदनाम की स्थिति से  अवगत कराते हुए आख्या प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। कहना ना होगा कि शिक्षा निदेशक माध्यमिक उत्तर प्रदेश डाँ. महेन्द्र देव ने यह आदेश दिनांक 10-9-2025 को जारी किया था। डीआईओएस का मनबढई तो देखिये निदेशक के तल्ख आदेश के एक माह बीत जाने के बावजूद डीआईओएस कार्यालय से अब तक नही आख्या भेजी गयी है ऐसा सूत्रो का दावा है।

🔵 रिपोर्ट - संजय चाणक्य 

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