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जेल में सजा मानवता का पर्व — बहनों ने कहा, “भाई, अब सही राह पकड़ो दिलाया अपराध को छोड़ने का संकल्प.

जेल में सजा मानवता का पर्व — बहनों ने कहा, “भाई, अब सही राह पकड़ो”


भाई-दूज के मौके पर मुजफ्फरनगर जेल में भावनाओं का सागर उमड़ पड़ा। बहनों ने अपने बंदी भाईयों का तिलक किया, मिठाई खिलाई और अपराध की राह छोड़ने का संकल्प दिलाया। जेल प्रशासन की संवेदनशील पहल ने यह साबित कर दिया कि सुधार सिर्फ कानून से नहीं, बल्कि रिश्तों के स्पर्श से भी संभव है।


आज भाई-दूज के पावन पर्व पर जिला कारागार, मुजफ्फरनगर में निरुद्ध बंदियों की उनकी बहनों से विशेष मुलाकात करायी गयी। कारागार प्रशासन की ओर से कारागार पर मिलने आने वाले बहनों व बच्चों हेतु टेंट, विशेष जलपान व मिष्ठान आदि की व्यवस्था की गयी। कारागार पर आयी लगभग 600 बहनों ने कारागार में निरूद्ध अपने भाईयों को टीका कर अपराध जगत छोडने का संकल्प दिलाया और आरती उतारकर मृत्यु के देवता से अपने भाईयों की लंबी आयु, सुख-समृद्धि व अच्छे भाग्य की कामना की। उक्त मुलाकात के दौरान बंदी व बहनें भावुक दिखाई दिए।


 जेल अधीक्षक अभिषेक चैधरी ने बताया कि भाई-दूज का पावन पर्व कारागार में निरुद्ध बंदियों व मुलाकात पर आयी उनकी बहनों द्वारा हर्षोल्लास से मनाया गया। साथ ही बहनों व बच्चों से मुलाकात कर बंदी भी तनावमुक्त नजर आये। इसके अतिरिक्त कारागार की महिला बैरक में निरुद्ध महिला बंदियों से भी उनके भाईयों ने कारागार पर पहुँचकर तिलक करवाया।


 कारागार की महिला बैरक में निरुद्ध 09 महिला बंदियों द्वारा पुरुष बैरक में निरूद्ध अपने भाईयों को भी तिलक लगाकर रीति के अनुसार पर्व मनाया। इस अवसर पर मुलाकात हेतु विशेष व्यवस्था करने के लिए बंदियों एवं बहनों ने जेल अधीक्षक अभिषेक चैधरी, जेलर नीरज कुमार श्रीवास्तव एवं समस्त कारागार स्टाफ का भावपूर्ण आभार व्यक्त किया। इस दौरान डिप्टी जेलर दीपक सिंह, हेमराज सिंह, अंकित कुमार, यशकेन्द्र यादव समेत अन्य कारागार स्टाफ मौजूद रहे।

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